निम्नलिखित का आशय स्पष्ट कीजिए-

खुला चैलेंज देकर ऐसी सभा पहले कहीं नहीं की गई थी।

इससे पहले भी देश की स्वतंत्रता के लिए सभाएँ हुई थी परन्तु इस प्रकार सरकार की खुली चुनौती अंग्रेज सरकार को पहले कभी नहीं दी गयी थी। कलकत्ता में 26 जनवरी 1931 को अंग्रेजी सरकार द्वारा लागू किया गया कानून जिसके अनुसार वहाँ कोई सभा नहीं हो सकती और सभा में भाग लेने वाले व्यक्तियों को दोषी समझा जाएगा। लेकिन उनके द्वारा बनाए गए इस कानून को भंग करते हुए कौसिल की तरफ से उन्हें खुली चुनौती दी गई की उसी दिन मोनुमेंट के नीचे लोग इकट्ठे होकर झंडा फहराएँगे। कलकत्ता के इतिहास में यह पहली बार हुआ था कि पुलिस कमिश्नर द्वारा निकाले गए नोटिस के बाबजूद भी कौंसिल द्वारा उन्हें खुली चुनौती दी गई और साथ ही लोगों ने भी इस जुलूस में बढ़-चढ़कर भाग लेकर कानून के उल्लंघन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई| पुलिस द्वारा यह नोटिस भी जारी किया गया कि इन सभाओं में भाग लेनेवालों को दोषी समझा जाएगा तब भी बड़ी संख्या में न केवल पुरूषों ने बल्कि स्त्रियों ने भी जुलूस में भाग लिया और सरकार द्वारा बनाए गए कानून को भी भंग किया।


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